Monday, June 19, 2023

मजदूर Labour

शारीरिक श्रम करके जीविका चलाने वाले मजदूर या श्रमिक कहलाते हैं । एक मजदूर वर्ग है जो जीवन के हर क्षेत्र में योगदान देता है । मजदूर दिवस श्रमिक द्वारा की गई कड़ी मेहनत का सम्मान करने के साथ-साथ श्रमिकों के अधिकारों के लिए लड़ने वालों का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।

भारत में मजदूर दिवस को अन्तराष्ट्रिय श्रमिक दिवस या कामगार दिन के नाम से जाना जाता है। हालांकि देश के विभिन्न राज्य इसे विभिन्न नामों से जानते हैं। 1 मई को ज्यादातर राज्य में मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1 मई को महाराष्ट्र राज्य में महाराष्ट्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

मजदूर की आवश्यकता हर जगह होती है जैसे कि पशुपालन, कुटीर उद्योग, लघु उद्योग में मजदूरों की जरूरत बराबर बनी रहती है । कारखानों में भी मजदूर ही काम करते हैं श्रम बिना कारखाना नहीं चल सकता है । नहरों ,बांद और तालाब बनाने के लिए मजदूर लोग ही होते हैं । मकान बनाने वाले लोग मजदूर ही होते हैं । ईंट तथा सड़क के निर्माण में लगे लोग हमारे मजदूर भाई होते हैं ।

परिवार तथा समाज के सभी छोटे और बड़े स्तर के कामों में मजदूरों का सहयोग लिया जाता है । निर्माण संबंधी सभी काम मजदूर की सहायता के बिना पूरे नहीं किए जा सकते हैं । काम के बदले में मजदूरों को मजदूरी दी जाती है ।

आम तौर पर मजदूरों की स्थिति अच्छी नहीं होती है। गांवों और कस्बों में मजदूरों को साल भर काम नहीं मिलता है। उन्हें कम मजदूरी भी मिलती है। बड़े शहरों में उन्हें अधिक मजदूरी मिलती है। लेकिन यहां रहने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पढ़ते हैं। मजदूरों अपने बच्चों को ठीक से शिक्षित नहीं कर सकते हैं। बीमारी के दौरान उन्हें काफी परेशानी होती है।

1 मई मजदूर दिवस को मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के साथ हो रहे अनुचित व्यवहार का विरोध करना है। ताकि लोगों को लगे कि मजदूर वर्ग एक है और किसी भी तरह के अन्याय या असंगति को बर्दाश्त नहीं करेंगे। और हमें उनके श्रम का सम्मान करना चाहिए ।
मजदूर एक साधारण सा व्यक्ति होते हैं। किन्तु कितने असाधारण कार्य नीत दिन किया करते हैं।

"मजदूर"


जो आपका कार चलाता हैं,
वो अक्सर पैदल घर जाता हैं।

जो बहुमंजिला इमारतें बनाता हैं,
अक्सर उनके छत से पानी टपकता हैं।

जो आपके दौलत का पहरी होता हैं,
अक्सर दौलत उनके पास नहीं होता।

जो आपके दर्द में साथ होता हैं,
अक्सर उसके जीवन में संघर्ष होता हैं।

जो आपके महल को स्वर्ग बनाता हैं,
अक्सर उनके मन में मंदिर होता हैं।

जो आगे चलकर विवाह में रंग भरता हैं,
अक्सर उनके जीवन रंगविहीन होता हैं।

जो पहले आपके लिए खाना परोसते हैं,
अक्सर वे लोग आखरी में खाना खाते हैं।

जो महंगे वस्त्र आपके लिए सीता हैं,
अक्सर वो फटे वस्त्र धारण करते हैं।

जो अपनी बस्ती को हटा कर शहर बनाता हैं,
अक्सर वो श्रमिक मजदूर जमीन पर सोता हैं।
                                         - प्रताप कुमार 

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