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Monday, August 10, 2020

ज्ञान की ज्योती Poem By Archana Snehi

ज्ञान की ज्योती


Poem on Teachers Day

Poem on Teachers Day

ज्ञान की ज्योती

गुरु का मान बढाते जाना

ऐसा उज्जवल भविष्य बनाना

देख चकित रह जाए संसार

ऐसा  उत्तम  हो  विचार

ज्ञान का कोई मोल नही है

गुरू का कोई तोल नही है

ऐसी हो जीवन की अभिलाषा

भर  दे  दूजे  मन  मे  आशा

विद्यालय है ज्ञान का मंदिर

जहाँ गुरु मूरत शिष्य पुजारी

वहाँ नमन मे झुक जो जाए शीश

मिल जाए सफलता का आशीष

हाथ से हाथ जोडे रखना

ज्ञान का मशाल उठाए चलना

बुझ न सके जिसकी लौ

ऐसी ज्योत जलाए रखना।

Poem By Archana Snehi

Saturday, August 8, 2020

"ज्ञान"


डूब जाऊ में ज्ञान के गंगा में,

प्यास बूझ जाए इस नईया में।

ठहर जाऊ में इस डगर पे कि,

ज्ञान का भण्डार भर जाऊ मैं।

इस भण्डार को बाटु मैं सबको,

जिससे ज्ञानी हो जाए जग मेरा।

ज्ञानी लोगों में हर हो अपना,

मिलकर रहना है सपना मेरा।

हर सपना हो अपना इच्छा मेरा,

इच्छा के लिए संघर्ष हो मेरा।

कठिन संघर्ष पे हो नाम मेरा,

नाम पर अभिमान हो सबको।

हर अभिमान में सम्मान भी हो,

सम्मान में मेरा संस्कार भी हो।

हर संस्कार में सामर्थ हो मेरा,

सामर्थ में कुशलता हो मेरा।

हर कुशलता में ज्ञान हो मेरा,

ज्ञान के साथ विज्ञान भी हो।


"जय हिन्द की सेना"

आओ देखो इस देश को जो हैं वीरों की।
दिल में हैं भक्ति देश के प्रति जवानों की।
भारत देश है मेरा महर्षि वेद पुरणों की।
इस मिट्टी में जन्म हुआ रमन महान की।
कलाम, बुद्ध, चाणक्य भंडार हैं ज्ञान की।
भारत देश है मेरा संस्कृति संस्कार की।
इस मिट्टी में जन्म हुआ ज्ञान विज्ञान की।
आओ पहचान बने देश के विरासत की।
भारत धरती है नालंदा, सिंधु घाटी की।
याद है संघर्ष गांधी, नेहरू, सुभाष की।
नमन मुझे वीर जवानों के बलिदान की।
जय हो, जय हो, जय हिन्द की सेना की।